जब हम सब भुंइ हे गिर पडेन, ता मै इब्रानी बोली हे, मोर ले हइ कहत अक्ठी सब्द सुनथै, हे साऊल हे साऊल, तै मोके काखे सताथस? कलिन्द्रा चाकू हे गिरै या चाकू कलिन्द्रा हे, पय कटै का कलिन्द्रा के हबै।
पय अब तै उठ, अपन गोड पर ठाढ हो काखे मै तो इहैनिता दरसन दय हव कि तोके अक्ठी हरवाह के रूप हे चुने हव, जउन कुछु देखे हस अउ उनके जिनखर निता मै तोके दरसन दइहों ओखर तै गवाह रइहे।