11 अउ यहूदी मंडली हे उनके सजा दय करथो अउ भगवान के बुराई ऊ बिस्वास के छांडै के निता दबाव के परयास करथो, उनखर पल्ला मोर गुस्सा एतका अधिक रथै कि उनके सतामै के निता बाहर के सहर तक गयों।
पय तुम चेतन्न रइहा, काखे मनसे तोके मंडली हे सोप देही, अउ तुमही मंडली हे पिटही, मोर नाम के चलते तुमही राजपाल अउ राजा के आगू ठाढ करही, कि उनखर निता गवाह होय।
पय ई बातन के आगू ऊ मनसे तुमही बन्दी बना लइहीं अउ सतइही, ऊ तुम्हर उप्पर अधिकार के आदेस चलाय के निता तुमके मंडली दरबार हे दइ देइही अउ फेर मोर नाम के कारन ऊ तुमही, राजा अउ राजपालो के आगू लइ जइही।
पय जब उन मनसे पोलुस कर बिरोध करै अउ बुराई करै लगिन, ता उन अपन बन्डी के धूधुर झार के उनखर लग हइ कथै, तुम्हर खून तुम्हर मूड पडे मोर अन्त करन सुध्द हबै, मै अब लग गैर यहूदिन के लिघ्घो जहुं।
खुदय महा पुजारी अउ सियानन के सगलू हइ बात के गवाह हबै, मै दमिस्क हे इनखर भाई के नाम उनखर लग चिट्ठी लयो, अउ परभु के रास्ता बाले समूह के उहां रहै बाले मनसेन के पके के बन्दी के रूप हे यरुसलेम लामै के निता मै गय रथो, ता उनही सजा दिलाय सको।