पांच दिन बाद हनन्याह महा पुजारी कुछ सियान नेता अउ तिरतुल्लुस नाम के अक्ठी बकील के पंचायत लइके कैसरिया आइस ऊ राजपाल के आगू पोलुस के बिरुध निबेदन चिट्ठी परस्तुत करिस।
फेस्तुस कथै, राजा “अग्रिप्पा अउ सगलू इहां आय हर मनसे, तुम हइ मनसे के देखथा, जेखर बारे हे सगलू यहूदी समाज यरुसलेम हे अउ इहां मोर लग चिल्लाय-चिल्लाय के मांग करथै, कि इके अब अउ जिन्दा नेहको रहै चाही।
तीसर रोज के बाद ऊ यहूदी के मुखिया मनसेन के बुलवाथै, अउ जब उन अक जिघा हुइन ता ऊ कथै “हे भाइयो, मै अपन मनसेन के या दाय-बाफ के बेउहार के बिरोध हे कुछ नेहको करव, तउमा बन्दी बनाय के यरुसलेम ले रोमन के हाथ सउपे गइस।