1 फेस्तुस ऊ परदेस हे पहुंचै के तीसर रोज बाद कैसरिया ले यरुसलेम के गइस।
अउ कैसरिया हे उतर के यरुसलेम छो जथै अउ मंडली के नमस्ते करके अन्ताकिया हे गइस।
कुछ रोज गुजरे के बाद हम अपन समान के बान्धन अउ यरुसलेम छो चल गइन।
राजपाल चिट्ठी पढिस अउ पोलुस लग पूछिस कि कउन परदेस के रहै बाले हबै, जब उके पता चलिस कि ऊ किलिकिया के रहै बाले आय।
दुइ साल असना बीत जाय के बाद फेलिक्स के जिघा पुरकियुस, फेस्तुस स्वीकार के लेथै, काखे फेलिक्स यहूदिन के खुस रखै के चाहथै, इहैनिता ऊ पोलुस के जेल हे बनाय के रख देथै।
कुछ रोज गुजरै के बाद अग्रिप्पा राजा अउ ओखर बेहन बिरनीके राजपाल फेस्तुस लग मुलाखात करै कैसरिया हे आइस।
फेस्तुस जबाब देथै, “पोलुस कैसरिया हे बन्दी हबै अउ मै खुद हरबी उहां जाय बाले हबो।”
फेर कथै, “तुम्हर हे जउन हक रखथै उन संग चलै अउ अगर ऊ मनसे कउनो अपराध करे हबै, ता ऊ उहां ओखर उप्पर अरोप लगाय।”
फेस्तुस कउ आठ दस रोज उनखर बीच हे रहिके कैसरिया छो कढ गइस, अउ अगले रोज अदालत हे नियाव सिहासन हे बइठके ऊ आदेस दइस कि पोलुस के ओखर आगू लाय जाय।
फिलिप्पुस अपन के अस्दोद सहर हे पाथै, जब तक ऊ कैसरिया हे पहुंचथै तब तक रास्ता हे संदेस सुनाय करथै।