का तुम हइ नेहको जानत हबा कि जुरुम करै बाले मनसे भगवान कर राज के हकदार नेहको होही? धोखा हे झइ रहा, बेभिचारनी, मूरती पूजा, पराय डउकिन के संग गलत काम, लुचपन, पराय डउकन के संग गलत काम,
उन लालच हे तुमही अपन मन गडन्त बातन हे फसाय के तुम्हर लग बेकार फायदा उठाही, उनखर निता नियाव सजा पहिले लग तय हुइ चुके हबै, अउ ऊ उनखर पाछू करत हबै, उनखर नास सोय हर नेहको हबै।