27 हइ मनसे के यहूदी पके लेथै अउ ऊ उके मारै बाले रथै, कि मै हइ जानके कि हइ अक्ठी रोमी नागरिक हबै, ता अपन सिपाही के संग जायके छंडाय लायो।
ऊ बिनती भवन के अपवितर करै के चाहथै, पय हम इके पकरे हवन। हम उके अपन नियाव के जसना दंड दय होते
काखे हइ बिबाद सुरु हुइ चुकथै, ता एखर लग सेनापति के सरदार डर गइस कि कहुं ऊ पोलुस के खन्डा-खन्डा झइ के डारै, इहैनिता ऊ सिपाहिन के आदेस देथै, कि ऊ तरी जायके पोलुस के उनखर लग अलगे करके भित्तर छो लइ जाय।