21 काखे बोहत मनसे घात लगाय उके ओरगथै, उन हइ किरिया खाय हबै, कि जब तक उके मार न लइ तब तक न खाबे न पियब, बस तोर अनुमति के परतिक्छा हे उन बइठे हबै।
अउ घात हे लगे रथै, कि ओखर मुंह लग निकरे हर कउनो बात हे फसइ।
मतलब बडी दीनता लग अउ आंसू बहाय के अउ उन परिक्छा हे जउन यहूदी के कारन मोर हे आय पडथै, मै परभु के सेबा करै रहों
फेर सिपाही जबान के हइ आदेस दइके पठोय देथै, तै हइ कउनो के झइ बताबे कि तै मोके एखर जानकारी दय हबस।
ऊ फेस्तुस लग हइ निबेदन करिस, कि ऊ पोलुस के यरुसलेम बुलामै के अनुगरह किरपा करै, काखे ऊ गली हे पोलुस के मार डालै के जुगाड बनाथै।
काखे मै इहै चाहत रहों कि अपन भाई के निता, जउन देह के मेर लग मोर बिरादरी हबै, खुदय मसीह लग सापित हुइ जथो अउ मसीह लग अलगे हुइ जांव।
मै बेर-बेर यातरा करत रहों, मोके नदियन के खतरा, यहूदिन के खतरा, गैर यहूदिन के खतरा, सरहन के खतरा, पतेरा जिघा के खतरा, समुन्दर के खतरा अउ ठगरा भाई के खतरा के सामना करै का पडिस।