पय उनखर मसे कुछ मनसे ढीठ रथै, उन बिस्वास करै लग मना कर देथै अउ मनसेन समूह के आगू परभु के रास्ता के बेकार कहै लागथै, तब पोलुस बिस्वास करै बालेन के अपन संग लइस, उनके छांडके कढ गइस अउ चेलन के अलगे कर लइस अउ तुरतरुस के पाठसाला हे रोज दिन सिक्छा दे लगिस।
पय तोर आगू हइ स्वीकार करथो, कि मै अपन पुरखन के रास्ता हे चल के भगवान के सेबा करथो, मै ऊ बात हे बिस्वास करथो, जेही मूसा कर नियम बताथै अउ जउन ग्यानी मनसेन के किताब हे लिखवरे हर हबै।
सगलू सुनै बाले चकित हे पड के कथै, “का हइ ऊ मनसे नेहको हबै, जउन यरुसलेम सहर हे यीसु के नाम के महिमा करै बालेन के मारत रहिस? का ऊ इहैनिता तो नेहको आय हबै कि ऊ उनही बांध के महापुजारी के लिघ्घो लइ जाही?”