29 जउन मनसे ओखर पूछ तांछ करै के कथै, हरबी पाछू हट गइन अउ ऊ सिपाही हइ समझ के कि ऊ अक्ठी रोमी नागरिक हबै अउ ऊ उके बांधे हबै, बोहत डेराय गइन।
तब सेना नायक पोलुस के लिघ्घो आइस अउ बन्दी बनाय लइस। ऊ उके दुइ सांकड हे बान्ध देय के आदेस देथै, फेर ऊ पूछथै, कि ऊ कउन हबै अउ ऊ काहिन करे हबै?
डउकी अपन मरे हर के फेरै लग जिन्दा पाइन, बोहत झन के परेसान करे गइन, पय उन छुटकारा पामै लग मना के देथै, ताकि उनही अक्ठी अउ अच्छी जीवन हे फेरै लग जिन्दा पाय सकि।
हइ बात हे सिपाही जबाब देथै, हइ नागरिकता के पामै लग, मोके बोहत पइसा खरचा करै का पडे हबै, पोलुस कथै पय मै तो पइदाइसी रोमी नागरिक यहों।