तब सेनापति सरदार आदेस देथै, कि पोलुस के अकेले हे लइ जाय, ऊ कथै, कि कोडा लगाय-लगाय के ओखर लग पूछ तांछ करे जाय, ताकि पता होय कि ओखर उप्पर मनसेन के हइ मेर चिल्लाय का कारन हबै।
काखे हइ बिबाद सुरु हुइ चुकथै, ता एखर लग सेनापति के सरदार डर गइस कि कहुं ऊ पोलुस के खन्डा-खन्डा झइ के डारै, इहैनिता ऊ सिपाहिन के आदेस देथै, कि ऊ तरी जायके पोलुस के उनखर लग अलगे करके भित्तर छो लइ जाय।