29 हे मोर भाइयो, मै अपन पुरखा दाऊद राजा कर बारे हे तुम्हर लग हिम्मत के संग गुठे सकथों, कि ऊ तो मर गइस अउ गाडे गइस अउ ओखर मरघटी आज तक हमार इहां मउजूद हबै।
खुदय महा पुजारी अउ सियानन के सगलू हइ बात के गवाह हबै, मै दमिस्क हे इनखर भाई के नाम उनखर लग चिट्ठी लयो, अउ परभु के रास्ता बाले समूह के उहां रहै बाले मनसेन के पके के बन्दी के रूप हे यरुसलेम लामै के निता मै गय रथो, ता उनही सजा दिलाय सको।
खुदय राजा हइ बातन के जानथै, मै निडर हुइके बोलथो, हइ बात जानथा अउ मोके बिस्वास हबै कि इन बातन मसे कउनो बात ओखर लग छुपे नेहको हबै, काखे हइ घटना कउनो कोन्टा हे नेहको हुइस।