15 ऊ मनसे नसा हे नेहको हमै, जसना तुम समझथा काखे अबे तो सकरहा कर नव बजे हबै।
लगभग नव बजे के टेम ऊ मालिक फेर घर लग बाहिर निकडथै अउ देखथै कि कुछ मनसे बजार हे इछो-उछो बेकार ठाड हबै।
अउ ओखर लग कथै, हर अक्ठी मनसे पहिले निक्खा अंगूर कर रस देथै अउ जब मनसे पी के टुल्य हुइ जथै, तब फेर घटिया देथै, पय तुम निक्खा अंगूर के रस बचाय के रखे हबस।
पय ऊ बात हबै, जेखर बारे हे योएल नबी ग्यानी मनसे के दवारा गुठे रथै,