13 पय दूसर मनसे चेलन के मजाक उडाउत कथै, “इन सबझन बोहत दारू पी हबै।”
ऊ मनसे नसा हे नेहको हमै, जसना तुम समझथा काखे अबे तो सकरहा कर नव बजे हबै।
अगर सगलू मंडली हे जुडे हबा, अउ सबके सब आने भासा हे बात करै लग जाय अउ उहै टेम उछो असना मनसे आय जाय, जउन हइ भासा नेहको समझत होय या अबिस्वासी होय, ता का उन तुमही बइहा नेहको समझही?
दारू लग दुरिहां रहा, काखे एखर लग जीवन बेकार हुइ जथै, पय पवितर आतमा लग भर जा,