39 पय तुम एखर लग बोहत कुछ जानै के चाहथा, ता एखर फइसला नागरिकन के कानूनी पंचायत हे बिचार करे जही।
अगर देमेतरियुस अउ ओखर संगी कारीगरन के कउनो लग झगडा हबै ता कचहरी खुले हबै अउ सिपाही भी हबै उनखर उप्पर अक दूसर हे मुकदमा चला सकथन।
अब जउन कुछु हबै, एखर जसना हमके हइ डर हबै, कि आज के उपद्रव के दोस हमर उप्पर झइ लगामै जाय, हइ दंगा के निता हमर लिघ्घो कउनो कारन नेहको, जेखर लग हम हइ बातन के सही ठहरा सकि।”