38 अगर देमेतरियुस अउ ओखर संगी कारीगरन के कउनो लग झगडा हबै ता कचहरी खुले हबै अउ सिपाही भी हबै उनखर उप्पर अक दूसर हे मुकदमा चला सकथन।
ऊ हाकिम सिरगियुस पोलुस के संग रथै। जउन होसियार डउका रथै। ऊ बरनबास अउ साऊल के अपन लिघ्घो बुलाय के भगवान के बचन सुनामै चाहथै।
का तुम्हर मसे कउ असना हबै, जउन अपन साथिन के संग लडाई हुइ जाय, अउ भगवान के पवितर मनसेन के लिघ्घो न जाय के पापी मनसेन के अदालत हे जाय के हिम्मत करत होय?
पोलुस अपन मुंह खोले बाले रथै, कि राजपाल गल्लियन के यहूदिन लग कथै, “हे यहूदिन, अगर हइ बारे हे कउनो अन्याय कउनो गंभीर अपराधन के होथै, ता तुम्हर बात मोर लाने कुछु कारन होथै।
पय इलीमास टोनहा काखे कि इहै ओखर नाम के मतलब हबै, ओखर बिरोध करके राजपाल के बिस्वास के रोकै चाहथै।
तब हाकिम जउन होथै, उके देखके अउ परभु के उपदेस ले बोहत चकित हुइ के बिस्वास करथै।
ऊ देमेतरियुस नाम कर अक्ठी मनसे जउन चांदी के काम करै बाले सोनरा रथै, ऊ अरतिमिस देबी के चांदी के मन्दिर बनवाथै, जेखर लग मिसतिरिन के बोहत फायदा मिलथै।
पय तुम एखर लग बोहत कुछ जानै के चाहथा, ता एखर फइसला नागरिकन के कानूनी पंचायत हे बिचार करे जही।