32 सभा हे हल्ला मचे रथै, कउनो कुछ चिल्लात रथै। ता कउनो कुछ सब मनसे हइ नेहको जानथै कि उन काखे अक जिघा होय हबै।
सगलू सहर हे खलबली फइल गइस इहैनिता मनसे मकिदुनिया लग आइन, अउ पोलुस के यातरा करत गयुस अउ अरिस्तर्खुस के धर दबोचिस अउ उनके रंगसाला जिघा हे लइ आनिस।
कुछ इलाका के अधिकारी जउन ओखर संगी रथै, ओखर लग कहलवा पठोथै अउ बिनती करथै, कि उहां रंगसाला हे आमै के झइ सोचै।
अब जउन कुछु हबै, एखर जसना हमके हइ डर हबै, कि आज के उपद्रव के दोस हमर उप्पर झइ लगामै जाय, हइ दंगा के निता हमर लिघ्घो कउनो कारन नेहको, जेखर लग हम हइ बातन के सही ठहरा सकि।”
पय भीड मसे कउ कुछ चिल्लात रथै। जब हल्ला गुल्ला के मारे ऊ निक्खा सच्चाई नेहको जान सकथै, ता उके गढ हे लइ जाय के आदेस देथै।