जब हेरोदेस हइ देखथै, कि ज्योतिसी मोके नरे हबै, ता ऊ गुस्सा लग भर जथै अउ सिपाही के पठोय के ज्योतिसी दवारा ठीक-ठीक बताय हर बात के जसना, बैतलहम अउ ओखर अगल बगल जिघा के सगलू लरका के दुइ साल के या ओखर लग नान रथै, सबझन के मरवा डारथै।
अउ ऊ उस पोखडी बाले अजगर के पूजा करे लग जथै, काखे ऊ अपन सगलू हक ऊ गोरू के दइ देथै, उन ऊ गोरू के पूजा करत कहे लग जथै, “हइ गोरू के जसना कोन हबै? अउ असना कोन हबै जउन ओखर संग लड सकै?”