तुम देख सकथा अउ सुन सकथा, हइ पोलुस न इफिसुस हे बलुक करीबन आसिया के दुरिहां के इलाका हे मनसेन के बहकाय के बदल देथै, ऊ कथै, मनसेन के हाथन लग बनाय हर देउता बिलकुन देउता नेहको हबै।
काखे पोलुस जिहां तक हुइ सकै पिन्तेकुस्त के रोज तक यरुसलेम पहुंचै के हरबी करथै, ता निस्चय करथै, कि इफिसुस हे रुकिन अउ बिना रुके आगू चले जात रहै, जेखर ऊ आसिया हे टेम नेहको बितामै के पडै।
हे मोर भाई अउ बेहन मोर कहे के मतलब हइ हबै कि तुम्हर मसे कउ कथै, “मै पोलुस के हबो” ता कउनो कथै, “मै अपुल्लोस के हबो” तीसर कथै, “मै कैफा के हबो” अउ कउ कथै, “मै तो मसीह के हबो।”
भाई अपुल्लोस के बारे हे मोके हइ कहना हबै कि मै उके बोहत बिनती करव कि ऊ भाइन के संग तुम्हर इछो जाय, पय ऊ अबे जाय के निता नेहको होथै, जब मोका पाही ता आही।
हे भाई अउ बेहन, मै तुम्हर निता अपन खुद अउ अपुल्लोस के उदाहरन दय हबो कि जेखर लग हमर उदाहरन लग हइ सिक्छा लइ सका कि कउनो मनसे पवितर किताब के बेज्जती झइ करिहा, अउ तुम अकझन के पक्छ लेयत अउ दूसर झन के बिरोध करत गुस्सा हे झइ भर जइहा।