तुम मूरतिन अउ बलि करे हर ले अउ खून ले अउ नटेरी घोटे हर के मास ले अउ गलत काम बाले डउकी ले दुरिहां रइहा। एखर ले दुरिहां रहा ता तुम्हर भला होही। आगू सुभ।”
काखे पोलुस जिहां तक हुइ सकै पिन्तेकुस्त के रोज तक यरुसलेम पहुंचै के हरबी करथै, ता निस्चय करथै, कि इफिसुस हे रुकिन अउ बिना रुके आगू चले जात रहै, जेखर ऊ आसिया हे टेम नेहको बितामै के पडै।
अब हे भाई अउ बेहन, मै तुम्हर लग बिदा लेथो, अपन आदत निक्खा करा, ओसनेन करत जा जसना मै कहे हव, अक जसना सोचा, सान्ति लग रहा, जेखर लग माया अउ सान्ति के भगवान तुम्हर संग रही।