तुम देख सकथा अउ सुन सकथा, हइ पोलुस न इफिसुस हे बलुक करीबन आसिया के दुरिहां के इलाका हे मनसेन के बहकाय के बदल देथै, ऊ कथै, मनसेन के हाथन लग बनाय हर देउता बिलकुन देउता नेहको हबै।
तब सहर के मन्तरी मनसेन के सान्त करके कथै, “हे इफिसुस के मनसेन, का दुनिया हे कउनो असना मनसे हबै, जउन हइ नेहको जानथै कि इफिसियन के सहर बडा देवी अरतिमिस अउ स्वरग लग गिरे हर पथरा के पवितर मूरती हबै।
काखे पोलुस जिहां तक हुइ सकै पिन्तेकुस्त के रोज तक यरुसलेम पहुंचै के हरबी करथै, ता निस्चय करथै, कि इफिसुस हे रुकिन अउ बिना रुके आगू चले जात रहै, जेखर ऊ आसिया हे टेम नेहको बितामै के पडै।