29 अउ काखे हम भगवान कर टोरवा हबन, इहैनिता हमके कबहुन नेहको सोचै चाही कि ऊ छाप अस्तित्व सोना, चांदी लग बने हर, या मिसतिरी लग बने कउनो मूरती जसना हबै।
तुम देख सकथा अउ सुन सकथा, हइ पोलुस न इफिसुस हे बलुक करीबन आसिया के दुरिहां के इलाका हे मनसेन के बहकाय के बदल देथै, ऊ कथै, मनसेन के हाथन लग बनाय हर देउता बिलकुन देउता नेहको हबै।