24 जउन भगवान दुनिया अउ ओखर सगलू चीजन के बनाइस, ऊ स्वरग अउ भुंइ के मालिक हुइके हाथ के बनाय हर मन्दिर हे नेहको रथै।
उहै टेम यीसु कथै, हे बाफ, तै स्वरग अउ भुंइ के परभु हबस, मै तोके धन्यबाद देथो, काखे तै हइ बातन के, उनखर लग जउन ग्यानी हबै अउ समझदार हबै, गुप्त हे धरे हबै अउ जउन नान लरका हबै उनखर निता परगट करे हबस।
पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कबहुन किरिया झइ खाबे, न स्वरग के, काखे ऊ भगवान कर राजगद्दी हबै,
उहै टेम यीसु पवितर आतमा हे हुइके मगन लग भर के कथै, हे बाफ स्वरग अउ भुंइ के परभु मै तोके धन्यबाद देथो, काखे तै हइ बात ग्यानिन अउ होसियारन लग छुपाय रखे, पय लरकन हे परगट करे हस, हव बाफ इहै तोके बढिहा लगिस।
सुरू हे बचन रथै अउ बचन भगवान के संग रथै अउ बचन भगवान रथै।
“हे संगी, तुम हइ काखे करथा? हमु उहै मनसे हबन, जसना तुमो हबा, इहां हम तुमके संदेस सुनामै आय हबन, ताकि हइ बेकार बातन लग मुडके ऊ जिन्दा भगवान के पल्ला लउटा जउन स्वरग, भुंइ, सागर अउ एहमा जउन कुछु हबै सगलू के बनाय हबै।
पय बिस्वास करै बाले हइ सुनिन ता मिलके बोहत आरो लग भगवान लग बिनती करै लगिन परभु तहिन हबस स्वरग, भुंइ, समुन्दर उनखर भित्तर जउन कुछ हबै, उनही बनाय हबै।
पय परम परधान हाथ के बनाय हर घरन हे नेहको रथै, जसना कि ग्यानी मनसे कथै।
कारन इहै हबै कि भगवान कर बारे हे जउन कुछु जाने जाय सकथै, ऊ उनखर उप्पर परगट हबै, खुदय भगवान उनखर उप्पर परगट करे हबै।
पय हइ आखरी रोज हे भगवान अपन टोरवा के दवारा, हमर लग बात करिस अउ ऊ अपन टोरवा के दवारा दुनिया के सगलू चीजन के बनाइस अउ उहै के सगलू कुछु हक के रूप हे दय हबै।
काखे हर अक्ठी घर के कउनो न कउनो बनाय बाले होथै, पय जउन सगलू कुछु बनाय हबै ऊ भगवान हबै।
फेर मै अक्ठी बडा चरका राजगद्दी के अउ उके ओखर उप्पर बइठे रथै, देख ओखर आगू लग भुंइ अउ बादर भुलाय गइस, उनखर पता तक नेहको चल पाइस।