38 सिपाही हइ बात सिपाही लग कथै अउ उन हइ सुनके कि रोमी हबै, बोहत डर जथै,
हेरोदेस यूहन्ना के मार डालै चाहथै, पय ऊ मनसेन लग डरथै, काखे मनसे यूहन्ना के ग्यानी मनसे मानथै।
अउ उन यीसु के पकरै चाहथै, पय मनसेन लग डेराय जथै, काखे उन यीसु के ग्यानी मनसे मानथै।
“जब तुमके बिनती भवन अउ सजा देय बाले अउ सासक के आगू खींच लइ जइही, ता एखर बारे हे चिन्ता झइ करबे, कि तुम कसना अउ काहिन जबाब दइहा, पय अपन पल्ला लग काहिन कहिबे।
जब दिन होथै तब रोमन साहब लग अपन सिपाही के कहला पठोथै कि उन मनसेन के छांड देया।
जउन मनसे ओखर पूछ तांछ करै के कथै, हरबी पाछू हट गइन अउ ऊ सिपाही हइ समझ के कि ऊ अक्ठी रोमी नागरिक हबै अउ ऊ उके बांधे हबै, बोहत डेराय गइन।