26 एतका हे अक्ठी बोहत भुंइडोल आथै, इहां तक कि जेल के नीह डोल जथै अउ हरबी सगलू दूरा उघर जथै अउ सबके बन्धन छोरर जथै।
काखे स्वरग लग परभु कर अक्ठी स्वरगदूत उहां उतरथै अउ ऊ टेम बोहत भुंइडोल हुइस, स्वरगदूत उहां आयके पथरा के टरकाय के ओहमा बइठ गइस।
तब आगुन अउ दूसर पहर हे निकर के ऊ लोहा कर फेरका छो जथै, जउन सहर के पल्ला हबै, ऊ उनखर निता अपने अपन उघर जथै अउ ऊ निकरके अक्ठी गली हुइ के जथै अउ जल्दिन स्वरगदूत उके छाडके कढ जथै।
ता देखा परभु कर अक्ठी स्वरगदूत आयके ठाड होथै अउ अचानक जेल के कोठा हे, उजियार भर गइस अउ पतरस के पसली हे हाथ मारके उके जगाथै अउ कथै ठाड हो हरबी चल अउ ओखर हाथन लग सांकड उघर के गिर पडथै।
जब ऊ बिनती कर चुकथै, ता ऊ जिघा जिहां ऊ अक जिघा रथै डोल जथै, अउ ऊ सगलू पवितर आतमा लग भर जथै अउ ऊ बिगर डरे भगवान कर बचन सुनामै लगिन।
पय ऊ रात के टेम हे परभु के अक्ठी स्वरगदूत जेल के दूरा उघार देथै, उनही बाहिर निकार के कथै,
उहै टेम बोहत भुंइडोल हुइस अउ सहर के दसमा भाग माटी हे मिल गइस, सात हजार मनसे भुंइडोल हे मर गइन अउ जउन बच गइन, उनखर भित्तर डर समाय गइस अउ उन स्वरग के भगवान के धन्यबाद महिमा करै लगिन।
फेर जब गेडरा छठमा सील खोलिस ता मै देखो कि उहां अक्ठी बडा भुंइडोल हुइस, बेरा असना करिया हुइ गइस जसना कउनो सोक मनाउत मनसे के कपडा होथै अउ पूर जोंधइया खून के जसना लाल हुइ गय हबै।