17 पय तुमके ऊ अपन खुद अपन गवाह देय बिगर नेहको छांडिस। काखे ऊ तुम्हर संग भलाई करिस, ऊ बादर लग पानी दइस अउ मउसम के जसना फसल दइस, ऊ तुमही भोजन देथै अउ तुम्हर मन के खुसी लग भर देथै।”
असना करै लग अपन स्वरग कर बाफ कर टोरवा-टोरिया ठहरिहा, काखे ऊ निक्खा अउ बेकार दोनोन हे अपन बेरा निकारथै अउ धरमी अउ पापी दोनोन हे पानी बरसाथै।
पय तुम अपन बैरिन लग माया करा, उनखर निक्खा करा अउ फेरै पामै के आसा झइ करके उधार देया, तबै तुम्हर इनाम बडा हुइ अउ तुम परम परधान भगवान के लरका बन जइहा, काखे ऊ उनखर परति किरपा अउ दुस्ट मनसेन लग दया करथै।
हइ गुठे के उन मनसेन के बडी परेसानी लग रोकथै, कि उनखर निता बलि नेहको करै।
ऊ अक्ठी मूल लग मनसेन के सगलू जाति सगलू भुंइ हे रहै बाले कर निता बनाय हबै अउ उनके ठहराय हर टेम अउ निबास के सीमन के इहैनिता बांधथै,
हइ बरतमान दुनिया के धनड्ड लग निबेदन करा कि ऊ घमंड झइ करै अउ नास होय बाले धन-डेरा हे नेहको, बलुक भगवान के उप्पर आसा रखा, जउन हमर निस्तार के सब चीज जादा मातरा हे देथै।