8 तब स्वरगदूत ओखर लग कथै, कमर बांध अउ अपन बूट पहिन ले। ऊ ओसनेन करथै, ऊ अपन खुरथा पइजामा पहिन के मोर पाछू होय ले।
मै तुमके मन बदलै के पानी हे बतिस्मा देथो, पय जउन मोर बाद हे आमै बाले हबै, ऊ मोर लग बोहत बलवान हबै, मै ओखर बूट उठामै के लायक नेहको हबो अउ ऊ तुमके पवितर आतमा अउ आगी लग बतिस्मा देही।
पय बूट अउ दुइ-दुइठे खुरथा पइजामा झइ पहनिहा।
धन्य हबै ऊ हरवाह जेही मालिक आयके जगे हर पइ, मै तुम्हर लग सही कथो, ओखर हरवाह बन्डी पहिरके उके खाना के निता बइठाही अउ खुदय उके खाना पोरसी।
ता देखा परभु कर अक्ठी स्वरगदूत आयके ठाड होथै अउ अचानक जेल के कोठा हे, उजियार भर गइस अउ पतरस के पसली हे हाथ मारके उके जगाथै अउ कथै ठाड हो हरबी चल अउ ओखर हाथन लग सांकड उघर के गिर पडथै।
ऊ निकरके ओखर पाछू हुइ लेथै, पय हइ नेहको जानथै, कि जउन कुछ स्वरगदूत करथै, ऊ सही हबै, मै हइ समझो कि सपना देखथो।
काखे भगवान जेखर मै हबो अउ जेखर सेबा करथो, ओखर स्वरगदूत आजय रात मोर लिघ्घो आयके कथै,
इन रोज हे परभु के अक्ठी स्वरगदूत फिलिप्पुस के कथै, “ठाड हो अउ दख्खिन के पल्ला जा, जउन यरुसलेम सहर लग गाजा छो जथै।” हइ पतेरा गली हबै।