6 जब हेरोदेस राजा उके मनसेन कर आगू लामै के रथै, उहै रात पतरस दुइठे सांकड ले बंधररे हर दुइठे सिपाही के बीच हे सोउत रथै अउ सेबकन के दूरा हे जेल कर लिघ्घो सेना नायक देख-रेख करत रथै।
स्वरगदूत के देखके चवकीदार थरथराय लागथै अउ डेराय गइन।
जेल हे पतरस के बेडे रथै, पय मंडली ओखर निता भगवान लग बिनती करत रथै।
तब सेना नायक पोलुस के लिघ्घो आइस अउ बन्दी बनाय लइस। ऊ उके दुइ सांकड हे बान्ध देय के आदेस देथै, फेर ऊ पूछथै, कि ऊ कउन हबै अउ ऊ काहिन करे हबै?
इहैनिता मै तुमही बुलाथों कि तुम्हर लग मिलो अउ बात चीत करव काखे इस्राएल कि आसा के निता मै हइ सांकड ले बंधररे हर हबो।”
जब हम जेल हे पहुंचेन ता हम पायन कि जेल के सुरक्छा के तारा लगे हर रथै अउ दूरा हे पहरेदारन के ठाडे पायन पय दूरा खोलन ता भित्तर हमके कउनो नेहको मिलिन।
इहै के निता मै सांकड हे बंधररे राजदूत के जसना सेबा करथो, पराथना करा कि मै, जउन मेर मोके बोलै चाही, उहै मेर हिम्मत के संग संदेस के परचार के सको।
उनेसिफुरुस के परवार हे परभु दया करै, काखे ऊ कइन मेर के मउका हे मोके सुख पहुंचाय हबै, अउ ऊ मोर जेल हे रहै सांकड लग लज्जित नेहको होय हबै।
इहैनिता हम बिना डेराय कर कहथन, परभु मोर सहायता करथै, मै नेहको डरिहुं, मनसे मोर का कर सकथै?