23 उहै टेम परभु के अक्ठी स्वरगदूत हरबी उके मारथै, काखे ऊ भगवान के महिमा नेहको देथै अउ ऊ किरवा पर के मर जथै।
ता मनसे चिल्लाथै, “हइ तो कउनो देउता के आरो हबै मनसेन कर नेहको।”
पय ऊ रात के टेम हे परभु के अक्ठी स्वरगदूत जेल के दूरा उघार देथै, उनही बाहिर निकार के कथै,
ऊ अपन घमंड हे उन सगलू के बिरोध करथै, अउ उनखर लग खुद के बडा मानथै, जउन देउता कहाथै, या पवितर समझे जथै, इहां तक कि ऊ भगवान के मन्दिर हे बइठके खुद के भगवान होयके दाबा करथै।