पिलातुस जब नियाव के गद्दी हे बइठथै, ता ओखर डउकी ओखर लिघ्घो अक्ठी खबर पठोथै, “ऊ धरमी मनसे के संग कुछु झइ करबे, काखे मै ओखर बारे हे अक्ठी सपना देखे हमो, जेखर लग मै आज सगला दिन बैजुन्ग रहे हबो।”
हेरोदेस राजा सूर अउ सैदा के मनसेन लग बोहत गुस्साय रथै। ऊ अक्ठी समूह बनाय के ओखर लग मिलै आइन, राजा कर खास करमचारी बलास्तुस के समझाय के उन हेरोदेस लग सान्ति के बिनती करिन, काखे उनखर देस कर राजा के देस लग खाना खाय के मिलथै।
पांच दिन बाद हनन्याह महा पुजारी कुछ सियान नेता अउ तिरतुल्लुस नाम के अक्ठी बकील के पंचायत लइके कैसरिया आइस ऊ राजपाल के आगू पोलुस के बिरुध निबेदन चिट्ठी परस्तुत करिस।
इहैनिता अगले रोज अग्रिप्पा अउ बिरनीके बडी पहिन ओढ के संग आइस, अउ उन सेनापति के अउ सहर के खास मनसे के संग पंचायत भवन हे गइस। फेस्तुस आदेस देथै अउ पोलुस के उहां लग लइ गइन।