उन फरीसी मनसे अपन चेलन के हेरोदिया समूह के संग यीसु के लिघ्घो पठोथै, उन मनसे कथै, हे “गुरू हम जानथन, कि तै सही हबस अउ भगवान के गली के सिक्छा देथस, मनसे का सोचहीं एखर बारे हे चिंता नेहको करथस, काखे तै मनसेन के मुंह देखके बात नेहको करथस।
इहैनिता उन पूछथै अउ कथै, गुरू हम जानथन, कि जउन निक्खा बात हबै, तै उहै बात के गुठेथस अउ उहै के आदेस देथस अउ न तै कउनो के पल्ला लेथस, पय निक्खा भगवान कर रास्ता के सिक्छा देथस।
एखर मोर निता कउनो महत्व नेहको कि उन जउन नामी रथै, पहिले काहिन रथै, भगवान कउनो के पक्छपात नेहको करथै, मोर संदेस हे उन नामी मनसेन के कउनो सहमति नेहको रथै।
जउन मालिक हबै, ऊ दास के संग असना बेउहार करै अउ उनके डरामै धमकामै के छांड दे, हइ धियान रखत कि तुम दोनो झन के मालिक स्वरग हे हबै, जेखर आदत हे कउनो मेर के पक्छपात नेहको हबै।
ई नबीनता हे कउनो भेद नेहको रथै, एहमा न यूनानी हबै, न यहूदी न खतना हबै, न खतना के अभाव न जंगलिहा हबै, न स्कूती, न हरवाह अउ न आजाद, केबल मसीह हबै, जउन सगलू कुछु अउ सब हे हबै।