भगवान अन्याय नेहको करथै। ऊ तुम्हर कामन के अउ ऊ माया के नेहको बिसरथै, जउन तुम ओखर नाम के महिमा के मकसद लग, हइमेर देखाइस कि अपन पवितर मनसेन के सेबा करिस अउ अबे तक करत हबा।
जब गेडरा किताब के लइ चुकथै तब उन चार परानी अउ चउबीस सियान ऊ गेडरा के नमस्ते करथै, उन सबके लिघ्घो धूप अउ बसुरी रथै अउ उन महके बाले चीज लग भररे हर सोना के खोरिया रथै, जउन पवितर मनसे के बिनती रथै।