9 मै मंडली के अक्ठी चिट्ठी लिखे रहों, पय दियुतिरफेस जउन उहां के नेता बनै चाहथै, हमके अपनामै के निता तइयार नेहको हबै।
काखे जउन मांगथै, उके मिलथै, जउन डटेथै, ऊ पाथै अउ जउन ठोकठोकाथै, ओखर निता कंवाड उघारे जथै।
उन सान्त रथै इहैनिता कि चेला गली हे झगडा करथै, कि हमर लग कउन बड्डे बड हबै।
“जउन कउ असना अक्ठी लरका के मोर नाम लग अपनाही, ऊ मोके अपनाही, अउ जउन कउ मोके अपनाथै, ऊ मोके नेहको पय मोके पठोमै, बाले के अपनाथै।”
अउ उनखर लग कथै, जउन कउ मोर नाम लग हइ लरका के सोगत करथै, ऊ मोर सोगत करथै, अउ जउन मोर सोगत करथै, ऊ भगवान के सोगत करथै, जउन मोके पठोय हबै, काखे तुम्हर मसे जउन नान हबै, उहै बड्डे हबै।
भाई-भाई हे जसना माया होथै, ओसनेन अक दूसर लग माया रखा, अपनै हे अक दूसर के इज्जत करा अउ अक दूसर लग बढ चढके करा।
उहै देह मतलब मंडली के परधान हबै, उहै सुरू हबै, मरे हर मसे जी उठे बाले हे पहिलउठा हबै उहै सब हे बडा हबै।
जउन कउ मसीह के सिखाय हर बात लग दुरिहां हुइ गय हबै, अउ ओहमा नेहको बने रथै, ता ओखर लिघ्घो भगवान नेहको हबै, पय जउन कउ मसीह के सिखाय हर बात हे बने रथै, ओखर लिघ्घो बाफ अउ टोरवा दोनो हबै।
इहैनिता हमके असना बिस्वासिन के सोगत करै चाही, ताकि सही के फइलामै हे मदद मिलै।