17 मै पोलुस, अपन हाथ लग नमस्ते लिखथो। हइ मोर सब चिट्ठी के चिन्हा हबै, मै इहैमेर लिखथो।
मोर पतरी के लिखे बाले तिरतियुस के परभु हे तुम के नमस्ते।
मै पोलुस तुमही अपन हाथ लग हइ नमस्ते लिखथो।
मै पोलुस, अपन हाथ लग हइ नमस्ते लिखथो, मै जेल हे हव, मोके बिनती हे सुरता रखिहा, तुम्हर उप्पर अनुगरह किरपा लगेतार होवत रहै।
हइ सब भगवान के सच्चे नियाव के फइसला के अक्ठी सही सबूत हबै, जेखर दवारा तुम भगवान कर राज के ओग समझे जइहा, जेखर निता तुम सब दुख भोगत हबा।
कउनो आतमा, बचन या चिट्ठी के दवारा, जउन हमार तरफ लग जान पडही, तुम असानी लग हइ समझ के झइ परेसान हुइहा अउ न घबरइहा कि परभु के दिन आय चुके हबै।