उहै हे तोर जर गहीर होय अउ उहै हे अपन उन्नत निरमान करा, तुमके जउन बिस्वास के सिक्छा मिले हबै, उहै हे मजबूत बने रहा अउ तोर हिरदय हे धन्यबाद के बिनती उमडत रहै।
कइन मेर के सिक्छा के बहकाबा हे झइ बहि जइहा, काखे मन के निता सही हबै कि ऊ अनुगरह के दवारा मजबूत करे जाय न कि खाय पिये के चीज लग, खाना पीना के रीति रिबाज के दवारा कउनोन के फायदा नेहको हुइस।