20 पय सबले पहिले हइ समझ लेया कि पवितर किताब के कउनो आगू कर बात खुद ग्यानी मनसेन के अपन सोंच नेहको हबै।
हमही मिलेहर अनुगरह के जसना हमर बरदान अलगे-अलगे हबै, हमके आगू कर बात गुठेमै बाले के बरदान मिले हबै, ता बिस्वास के जसना ओखर इस्तेमाल करै।
जरूरी हबै कि तुम टेम के चीन्हिस तुम्हर नींद लग जाग जाय के टेम आय चुके हबै, ऊ टेम के बराबरी हे, जब हम हइ बिस्वास के अपनाय रथन, हमर मुकति के परति लिघ्घो हबै।
हमही कबहुन नेहको बिसरे के चाही कि हमर पुरान आदत मसीह के संग क्रूस हे टंगाय जाय चुके हबै, जेखर लग पाप के देह मर जाय अउ हम फेर पाप के हरवाह झइ बनी।
हमके सुरता रहै कि हइ नियम धरमी जन के निता निरधारित नेहको होय हबै, बलुक अधरमी, निरंकुसो, भक्तिहीनो, पापिन, अपवितर अउ असुध्द मनसे, दाय दादा के घात करै बाले, या हत्यारों,
सगलू पवितर किताब भगवान के अगुवाई लग लिखे गय हबै, हइ सिक्छा दे, गलत बिचार के बिरोध करै, दोस-सुधार अउ नियाइपन के सिक्छा के निता सही हबै।
काखे तुम जानत हबा कि तुम्हर बिस्वास के परिक्छा होय के बाद धीरज पइदा होथै।
तुम सबले पहिले हइ जान लेया कि आखरी रोज हे हसी ठट्ठा करै बाले आही, उन अपन इक्छा के जसना चलहिन।