8 खुद के चेतन्त करा, असना झइ होय कि जउन मेहनत हम करे हबन ओही तुम गवांदा, पय ओखर परतिफल पइहा।
यीसु उनही जबाब देथै, सचेत रइहा तुमही कउनो झइ बहकामै।
पय तुम सचेत रइहा, काखे मै तुमही सगलू बातन के आगुन लग गुठे दय हबो।
पय तुम चेतन्न रइहा, काखे मनसे तोके मंडली हे सोप देही, अउ तुमही मंडली हे पिटही, मोर नाम के चलते तुमही राजपाल अउ राजा के आगू ठाढ करही, कि उनखर निता गवाह होय।
मालिक ओही पांचठे सहर के जिम्मेदारी दइ देथै।
यीसु कथै, चेतन्त रइहा, कही कउनो तुमही भडकाय झइ जाय, काखे कि मोर नाम लग बोहत मनसे अइहिन अउ गुठेही, ऊ मै हबो अउ टेम आ गय हबै उनखर पाछू झइ जाबे।
काटै बाले मजदूरी पाथै अउ सबरोज के जीवन के निता फडुहा समेटथै, जेखर लग बोमै बाले अउ काटै बाले दोनो झन मिलके खुसी बनामै।
सब लग आखरी हे मोके दिखाई दइस, जउन मेर कि अदबिलोन के रोज पइदा होय रहों।
जेखर काम नीह के उप्पर घर बने हर ठाड रही, उहै मजदूरी पाही।
ऊ जउन बिजहा बोमै बाले अउ पानी ढोरै बाले दुनोझन अक्ठिन काम करथै, अउ सब अपन-अपन मेहनत के जसना अपन मजदूरी पाही।
का तै एतका दुख बेकार उठाय? पय मोके बिलकुन बेकार नेहको हबै।
मोके संका हबै, कहुं असना झइ होय कि जउन मेहनत मै तुम्हर निता करे हव ऊ मेहनत बेकार ठहरै।
जउन होय, जिहां तक हम पहुंच चुके हवन, ओखर उप्पर हम मजबूत रही।
कुछ रोज के बाद सुरता करा जब तुम उजेड पाय रहा अउ ओखर बाद जब तुम दुख भोगत बोहत संघर्स करके सामना करत मजबूत बने रइहा।
इहैनिता तुम अपन बिस्वास अउ हिम्मत झइ छंडिहा काखे एखर इनाम बडा हबै।
तुम धियान रखिहा कि कउनो मनसे भगवान के अनुगरह लग दूर झइ रहै, असना कउनो करू जर फुटकै झइ पाबै, जउन नुसकान होय अउ सगलू समाज के असुध्द के दे।
मै हरबी आमै बाले हव, जउन सिक्छा तुम्हर लिघ्घो हबै ओहमा बने रइहा, जेखर लग कउ तुम्हर मुकुट के झइ छंडाय पामै।