इहैनिता जब मै स्पेन छो जहुं, ता तुम्हर लिघ्घो होत जहुं, काखे मोके आसा हबै कि ऊ यातरा हे तुम्हर लग मुलाखात होही अउ जब तुम्हर संग उठा-बइठक लग मोर मन कुछ भर जही, ता तुम मोके कुछ दुरिहां तक पठोय दइहा।
इहैनिता मोर आमै लग मै ओखर कामन के सुरता देबाहुं जउन ऊ बेकार सब्द लग हमर निदरा करथै, ऊ एतका हे मन नेहको भरथै, ता ऊ अपन भाई के सोगत तक नेहको करथै, अउ न करै बालेन के करै देथै, बलुक उनही मंडली लग बाहिर के देथै।