पीरा के टेम आमै लग डउकी के दुख होथै, काखे ओखर टेम आय गय हबै, पय जब लरका पइदा करै के बाद ऊ अपन दुख के बिसर जथै, काखे उके खुसी होथै कि दुनिया हे अक्ठी मनसे के जनम होय हबै।
हे पिरिया मोर भाई बेहन जउन मेर तुम हरमेसा मोर बात मानत हबा, उहै मेर अब मोर उपस्थिति लग जादा मोर अनुपस्थिति हे अउ जादा खुसी लग तुम डरत कापत अपन मुकति के काम हे लगे रहा।