1 इहैनिता हे पिरिया भाई अउ बेहन, जब हमर लग हइ टीमा करे गय हबै ता हम भगवान के परति डर के कारन, खुद के देह अउ आतमा के हर अक्ठी पवितर के सुध्द करके अपन बाहरी अउ भीतरी सगलू गुनाह के धोय डारे हबै।
इहैमेर सगलू यहूदिया, गलील अउ सामरिया कर मंडली के सान्ति हे दिन गुजारथै। ऊ मंडली सक्तिसाली होमय लगिस अउ पवितर आतमा के उतसुक पाय के सक्तिसाली हुइस अउ उन गिनती हे बढत गइन, काखे उन परभु के डेराय कर अपन जीवन बइतीत करथै।
अउ स्वरग के पहिले पइदा सिध्द मनसेन के मंडली अक जिघा होथै, जउन सब के नियाव करैबाले भगवान पूरी तरह लग पाय हर धरमी कामन के आतमा, जेखर नाम स्वरग हे लिखे हर हबै।
भगवान के सुस्ताय के रोज के जिघा हे घुसे के ऊ टीमा अबे तक हबै, ता हमही डेराय चाही असना झइ होय कि तुम्हर मसे कउनो अयोग ठहरै अउ ओहमा घुसै लग दुरिहां झइ रही पामै।
तुम आदेस मान के सत्य के गरहन करे हबा अउ हइ मेर बिना कपट के हरमेसा माया के निता अपन आतमा के पवितर के लय हबै, इहैनिता अब तुमही सुध्द हिरदय अउ तन-मन लगाय के अक दूसर लग माया करै चाही।