पय कुछ यहूदी अन्ताकिया सहर अउ इकुनियुम लग आयके मनसेन के अपन पल्ला कर लेथै अउ पोलुस के पथरा मारथै, अउ मरे हर समझ के उके नगर के बाहिर छो किढलाय के लइ जथै।
पय यहूदी गुस्सा हे जरत रथै, उन कुछ केराय के गुन्डा के अकजुट करिस अउ अक्ठी समूह बनाय के सहर हे दंगा करवा दइन, उन यासोन के घर धावा बोल दइस अउ हइ परयास करै लगिन, कउनो मेर पोलुस अउ सीलास के मनसेन के लिघ्घो लइ आनै।
काखे हइ बिबाद सुरु हुइ चुकथै, ता एखर लग सेनापति के सरदार डर गइस कि कहुं ऊ पोलुस के खन्डा-खन्डा झइ के डारै, इहैनिता ऊ सिपाहिन के आदेस देथै, कि ऊ तरी जायके पोलुस के उनखर लग अलगे करके भित्तर छो लइ जाय।
दुइ साल असना बीत जाय के बाद फेलिक्स के जिघा पुरकियुस, फेस्तुस स्वीकार के लेथै, काखे फेलिक्स यहूदिन के खुस रखै के चाहथै, इहैनिता ऊ पोलुस के जेल हे बनाय के रख देथै।
अउ मै यरुसलेम हे असना करे रहों अउ परधान याजकन ले हक पाके बोहत ले पवितर मनसेन के जेल हे डालिस, अउ जब उन मार डारे जात रहिन ता मै उनखर बिरोध हे अपन सहमति दय रथो।
तुम अक दूसर के ऊ हक लग दुरिहां झइ करा अगर असना करिहा, ता दोनो झन के सहमति लग अउ कुछ टेम के निता, जेखर लग बिनती के छुट्टी पाबा अउ एखर बाद पहिले जसना रहा, कहुं असना झइ होय कि परेत असहमती के कारन तुमही लालच हे फसाय दे।
हे भाई अउ बेहन तुम हमर कठोर मेहनत के सुरता रखा, तुम्हर बीच भगवान के संदेस के परचार करे रहन, हम हर टेम दिन रात काम धंधा करत रहन, जेखर लग कउनो के उप्पर भार झइ रहै।
तुम अपन अगुवन के आदेस मनिहा, उनखर तरी रइहा उन तुम्हरे आतमन के चउकीदार हबै, उनही तुम्हरे बारे हे हिसाब देयका पडही, उनखर निता हइ काम खुसी के तरह बने रहै न कि अक्ठी दुख के संग पूर कर सकै, काखे एखर लग तुमही कउनो फायदा नेहको होही।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”