“हे यरुसलेम सहर हे यरुसलेम सहर तै ग्यानी मनसेन के मार डारथा अउ जउन तोर लिघ्घो संदेस पठोमै बालेन के पथरा लग मार डारथा, मै केतका बार चाहे रहों कि जसना कुकडी अपन छउनन के पोखडी के बीच हे अकजुट करथै, ओसनेन महुं तोर लरकन के अक्ठी जिघा कर लयो, पय तुम मोके हइ नेहको करै दया।
हे भाई अउ बेहन, भगवान के बडी दया के उजियार हे तुम सबले मोर बिनती हबै, कि तुम अपन देह के भगवान के निता मगन करै बाले सुध्द बलि चढावा, इहै तुम्हर सच्ची सेबा हबै।
इहैनिता जब मोर लग नेहको रहे गइस, ता तुम्हर बिस्वास के बारे हे जानै के निता तीमुथियुस के पठोयों, कि कहुं असना झइ होय कि परिक्छा करै बाले तुम्हर परिक्छा करे होय, अउ हमर मेहनत बेकार हुइ जाय।
तुम सचेत रहा, तुम बोलै बालेन के बात सुनै हे अनसुना झइ करा, जउन मनसे भुंइ हे चेतावनी देय बालेन के आरो के अनसुना के दय रहिन, अगर उन नेहको बच सकिन, ता हम कसके बच सकब, अगर हम स्वरग लग चेतावनी देमै बाले के आरो अनसुनी के देब?
भगवान के सुस्ताय के रोज के जिघा हे घुसे के ऊ टीमा अबे तक हबै, ता हमही डेराय चाही असना झइ होय कि तुम्हर मसे कउनो अयोग ठहरै अउ ओहमा घुसै लग दुरिहां झइ रही पामै।