भगवान लग मिले हर अनुगरह के जसना मै घर बनामै के निता अच्छी मिसतिरी के जसना नीह खनिस, कउ दूसर नीह के उप्पर रद्दा रखथै, हरेक झन के चेतन्न रहैका हबै कि ऊ कउन मेर घर बनाथै।
जिहां तक मोर बात हबै, मोर लिघ्घो जउन कुछु हबै, तुम्हर खुसी के निता खरच करिहों, इहां तक कि खुद के तुम्हर निता खरच के डरिहों, अगर मै तुम्हर लग जादा माया करथो, ता भला तुम मोके कम माया कइसन करिहा।
तुम सब के बारे हे मोर निता असना सोंच बढिहा हबै, काखे तुम सब मोर मन हे बसे हबा, अउ न बलुक तब जब मै जेल हे बेडररे रहों, तबो मै संदेस के सत्य के मदत करत ओखर परतिस्ठा हे लगे रहों, तुम सब ई खासके मोर संग अनुगरह हे सहभागी रहे हबा।
तुम्हर दवारा पठोय गइस परभु के संदेस मकिदुनिया परदेस हे नेहको, बलुक अखाया परदेस हे सुनाय गइस, अउ बढत गइस पय भगवान हे तुम्हर बिस्वास के पता चल गइस, एखर बाद कउनो जरूरत नेहको रह गइस कि हइ बारे हे अब हम कुछ कहै।