मै बडा दुख हे मन के गहरी दुख सहत अउ आंसू बोहाय-बोहाय के ऊ चिट्ठी लिखे रथो मै तुमके दुख देय के निता नेहको लिखे रथो, बलुक इहैनिता कि हइ जान जा कि मै तुम्हर लग केतका माया करथो।
हे पिरिया मोर भाई बेहन जउन मेर तुम हरमेसा मोर बात मानत हबा, उहै मेर अब मोर उपस्थिति लग जादा मोर अनुपस्थिति हे अउ जादा खुसी लग तुम डरत कापत अपन मुकति के काम हे लगे रहा।