कउ असना परिक्छा तुम्हर हे झइ आबै, जउन सगलू मनसेन के निता सहै लग बाहिर हबै, भगवान बिस्वास हबै, ऊ तुमही कउनो असना परिक्छा हे नेहको परै देही, जउन तुम्हर सहै लग बाहिर होय पय ऊ परिक्छा के संग उपायो करही कि तुम बिस्वास हे मजबूत रही सका।
जिहां तक मोर बात हबै, मोर लिघ्घो जउन कुछु हबै, तुम्हर खुसी के निता खरच करिहों, इहां तक कि खुद के तुम्हर निता खरच के डरिहों, अगर मै तुम्हर लग जादा माया करथो, ता भला तुम मोके कम माया कइसन करिहा।