20 मोके हइ डर हबै कि मोर उहां आमै हे मै तुमके अपन आसा के जसना न पाव अउ तुमो मोके अपन आसा के जसना न पाबा, मोके डर हबै, कि उहां झगडा, जलन, गुस्सा अउ बेवस्था ठीक न हो।
हे भाई अउ बेहन, अक दूसर के बुराई झइ करा। जउन अपन भाई या बेहन के बुराई करथै या अपन भाई या बेहन के नियाव करथै, ऊ मूसा कर नियम के बुराई अउ ओखर नियाव करथै। अगर तुम मूसा कर नियम के नियाव करत हबा, ता तुम ओखर नियम के पालन नेहको, बलकि सजा देय बाले बन बइठे हबा।