13 दूसर मंडली के बरोबरी हे तुम मनसे हे कउन बात के कमी रह गय हबै? हां मै तुम्हर निता बोझ नेहको बनो, तुम मोके हइ अन्याय के निता छमा कर देया।
अउ उनखर संग रहै अउ काम करै लगिन, काखे उन अक्ठी काम करथै तम्बू बनामै के।
अगर तुम्हर हे दूसर के हक हबै, ता का तुम्हर हे हमर हक उन सबले बढके नेहको होही? तउ हम हइ हक के ऊज नेहको करेन, पय हम मसीह के संदेस के परचार हे कउ रुकावट झइ करै, इहैनिता हम सबैमेर के दुख सहथन।
का मै अउ बरनबास अपन जीवन चलामै के निता काम करै के मजबूर हबन?
अब मै तीसर बेर तुम्हर इहां आमै का तइयारी करत हव, अउ तुम्हर निता बोझ नेहको बनहुं, काखे मै तुमके चाहथो, तुम्हर डेरा के नेहको, लरकन के अपन दाय-बाफ के निता डेरा अकजुट करैका नेहको चाही, बलुक दाय-बाफ के अपन लरकन के निता कमाथै।