8 तुम्हर बीच सेबा करै के निता मै दूसर मंडली लग अपन जीवन के निता दान लइके माना मै उनके लूटे हव।
अउ अपन हाथ लग मेहनत करत-करत थक जथन, मनसे हमर बेज्जती करथै अउ हम आसीस देथन, उन हमर हे अतियाचार करथै अउ हम सहथन।
का मै अउ बरनबास अपन जीवन चलामै के निता काम करै के मजबूर हबन?
तुम्हर संग रहत भरमा पइसा के जरूरत हे मै तुम्हर लग कउनो के उप्पर बोझ नेहको बनो, मकिदुनिया परदेस लग आय संगी भाई बिस्वासी मोर सगलू जरूरत के पूर करिन, अउ हर इलाका हे मोर इहै परयास रहे हबै कि मै तुम्हर उप्पर बोझ झइ बनो, भभिस्य हे मोर परयास इहै रही।
अब मोके पूर पइसा मिल गय हबै, मै धनी हव, इपफ्रदीतुस लग तोर पठोय हर चीज पाय के मै धनी हुइ गय हबो, तुमही हइ भेंट अक्ठी मधुर सुगन्ध हबै, अक्ठी स्वीकार करे बाले बलिदान हबै, जेखर लग भगवान मगन होथै।