26 मै बेर-बेर यातरा करत रहों, मोके नदियन के खतरा, यहूदिन के खतरा, गैर यहूदिन के खतरा, सरहन के खतरा, पतेरा जिघा के खतरा, समुन्दर के खतरा अउ ठगरा भाई के खतरा के सामना करै का पडिस।
पय कुछ यहूदी अन्ताकिया सहर अउ इकुनियुम लग आयके मनसेन के अपन पल्ला कर लेथै अउ पोलुस के पथरा मारथै, अउ मरे हर समझ के उके नगर के बाहिर छो किढलाय के लइ जथै।
पय यहूदी गुस्सा हे जरत रथै, उन कुछ केराय के गुन्डा के अकजुट करिस अउ अक्ठी समूह बनाय के सहर हे दंगा करवा दइन, उन यासोन के घर धावा बोल दइस अउ हइ परयास करै लगिन, कउनो मेर पोलुस अउ सीलास के मनसेन के लिघ्घो लइ आनै।
काखे हइ बिबाद सुरु हुइ चुकथै, ता एखर लग सेनापति के सरदार डर गइस कि कहुं ऊ पोलुस के खन्डा-खन्डा झइ के डारै, इहैनिता ऊ सिपाहिन के आदेस देथै, कि ऊ तरी जायके पोलुस के उनखर लग अलगे करके भित्तर छो लइ जाय।
अउ चिन्हा अउ अदभुत कामन के सक्ति लग अउ भगवान के पवितर आतमा के सक्ति लग मोरेन दवारा करिस, इहां तक कि मै यरुसलेम लग लइके, चारो चउगिरदा इल्लुरिकुस तक मसीह के संदेस के पूर-पूर परचार करव।
हइ सबाल उन ठगरा भाइन के कारन उठे रथै, जेही मंडली हे गुप्त रूप लग लाय गय रथै, जउन चुप्पेचाप घुस आथै, कि यीसु मसीह ले मिलेहर हमर आजाद के भेद लग अउ हमके गुलाम बनाय ले।