14 हइ कउनो चकित के बारे हे नेहको हबै कि भुतवा भगवान के स्वरगदूत के रूप धारन के लेथै।
मोके हरमेसा हइ डर लगे रथै कि कहुं भुतवा तुम्हर मन के मसीह के परति तुम्हर निस्कपट, पवितर लग दुरिहां झइ के दे, जसना सपुवा हब्बा के अपन चलाकी लग धोखा दय रथै।
ताकि हम भुतवा के ओखर फन्दा हे झइ फसी काखे ओखर चाल हम अच्छी तरह लग जानथन।
पय अगर हम या स्वरग लग कउ स्वरगदूत ऊ संदेस के छांड कउनो दूसर संदेस सुनामै ता ऊ सापित हबै,
काखे हमर झगडा खून अउ गूदा लग नेहको हबै, बलुक सासक, साहब, हइ अंधियार जुग के सक्ति अउ बादर के दुस्ट के आतमिक सक्ति के संग हबै।
अउ बाफ के धन्यबाद दइहा, जउन तोके हइ काबिल बनाय हबै, कि तुम उजियार के राज हे रहै बाले, पवितर मनसेन के बिरासत के सहभागी बनी।
काखे उहै हमके अंधियार के कब्जा लग निकार के अपन पिरिया टोरवा के राज हे लाय हबै।
तब ऊ सक्तिसाली पोखडी बाले अजगर सपुवा ऊ पुरान सपुवा, जउन दोस लगामै बाले भुतवा कहाथै अउ सगलू दुनिया के भटकाथै, अपन दूत के संग भुंइ हे गिराय दइन।