11 पय असना कहै बाले मनसेन के समझ ले चाही कि तुम्हर बीच न रहत भरमा जब हम अपन चिट्ठी हे कुछ लिखथन ता ऊ ओहमा अउ तुम्हर बीच रहत हम जउन काम करथन ओहमा कउनो अन्तर नेहको हबै।
मोके हइ डर हबै कि मोर उहां आमै हे मै तुमके अपन आसा के जसना न पाव अउ तुमो मोके अपन आसा के जसना न पाबा, मोके डर हबै, कि उहां झगडा, जलन, गुस्सा अउ बेवस्था ठीक न हो।
हइ कारन दुरिहां होउत भरमा मै तुमके हइ सब लिखथो कि उहां मउजूद होमै हे मोके परभु दवारा दय गय हक का परयोग ठोस भाव हे झइ करै के पडै, हइ हक के उदेस्य हबै उन्नत करै के न कि नास करै के।